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Nelson Mandela Long Walk to Freedom Hindi Explanation

Nelson Mandela Long Walk to Freedom Hindi Explanation

Nelson Mandela Long Walk to Freedom Hindi Explanation

Nelson Mandela Long Walk to Freedom – written by Nelson Rolihlahla Mandela

On that ………………..human dignity

उस सुन्दर पतझड़ ऋतु के दिन , मैं , अपनी बेटी जेनानी के साथ था । मंच प , मिस्टर डी र्क्लक को सर्वप्रथम द्वितीय उप – राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई । तब टाबो म्बेकी को प्रथम उप – राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई । जब मेरी बारी आई , तो मैंने संविधान का पालन करने तथा उस पर अडिग रहने और गणतन्त्र तथा उसके लोगों की भलाई के लिए स्वयं अर्पित करने की शपथ ली । एकत्रित मेहमानों और देखने वाले संसार को , मैंने कहा : आज हम सभी अपनी यहाँ उपस्थिति के द्वारा … नवजात स्वच्छदता को शान और उम्मीद प्रदान करते हैं । बहुत लम्बे समय तक जारी विशेष मानवीय आपदाओं के अनुभव के बाद , एक ऐसे समाज का जन्म होना आवश्यक है जिस पर सम्पूर्ण मानवता को गर्व होगा। हम , जो इतने लम्बे समय तक दुनिया से कटे रहे , आज हमें संसार के अनेकों राष्ट्रों की हमारी स्वयं की धरती पर मेजबानी करने का दुर्लभ अवसर मिला है । हम हमारे सभी विशिष्ट अन्तर्राष्ट्रीय मेहमानों का धन्यवाद करते हैं कि वे हमारे अपने लोगों के साथ न्याय, शांति और मानवीय शान की विजय को अपनाने के लिए पधारे हैं ।

We have………………….God bless Africa!

हमने, अंत में अपनी राजनैतिक मुक्ति प्राप्त कर ली है। हम स्वयं अपने लोगों को निरंतर जारी गरीबी-अभाव, दु:ख, लिंग भेद तथा अन्य भेदभावो से मुक्त करने की शपथ लेते हैं। अब इस सुंदर धरती पर एक का दूसरे के द्वारा शोषण भी कभी नहीं होगा। इतनी शानदार मानवीय उपलब्धि का सूर्य कभी अस्त नहीं होगा। स्वतंत्रता का साम्राज्य रहे!‌ परमात्मा अफ्रीका को वरदान दो!

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A few moments ………. African flag.

कुछ क्षणों बाद ही हम सभी ने आदर भरे आश्चर्य से दृष्टि उठाई । एक शानदार दक्षिणी अफ्रीकी जेट , हैलिकॉप्टरों और टुप की पंक्तियों पर जो कि यूनियन बिल्डिंग के ऊपर से एक बढ़िया युक्तियाँ बना रहे थे । वह न केवल एक सेना शक्ति और निश्चितता का प्रदर्शन था बल्कि एक नमूना था सेना की वफादारी का , प्रजातंत्र में और स्वच्छ तथा सही तरीके से चुनी गई सरकार के उच्च अधिकारियों ने जिनके वक्ष रिबन और मैडलों से दमक रहे थे , मुझे सलामी दी थी और वफादारी की शपथ ली । इस तथ्य से भी बेखबर नहीं था कि कुछ साल पहले तक वे मुझे सलामी नहीं देते बल्कि मुझे गिरफ्तार करते थे । अंत में ‘ V ‘ की शक्ल में इम्पाला जेटों की एक टुकड़ी आई जो दक्षिण अफ्रीका के झंडे के काले , लाल , हरे , नीले और सुनहरे रंग का धुंआ छोड़ रहे थे ।

That day was ……. their skin.

हमारे दो राष्ट्रीय गीतों के गायन द्वारा यह दिन मेरे लिए एक प्रतीक बन गया था और श्वेत लोगों का स्वप्न जो ‘ Nkosi Sikeleli – Africa ‘ और काले लोग जो गणतन्त्र का पुराना राष्ट्रीय गान गा रहे थे । ‘ Die steam , यद्यपि उस दिन दोनों में से कोई दल राष्ट्रीय गान की सही लय नहीं जानता था जिससे वे दोनों नफरत करते थे लेकिन वे शीघ्र ही इसके शब्दों को दिल में याद कर लेंगे । उद्घाटन वाले दिन , मैं इतिहास की भावना से ओत – प्रोत था । बीसवीं सदी के प्रथम दशक में भयंकर Anglo – Boer War के बाद तथा मेरे स्वयं के जन्म से पहले , दक्षिणी अफ्रीका के श्वेत चमड़ी वाले लोगों ने अपने भेदभाव खत्म कर लिये थे अपने स्वयं के देश के काली – चमड़ी वाले लोगों के विरुद्ध जातीय प्रभुत्व वाली एक व्यवस्था का निर्माण कर लिया था । उस ढाँचे ने जो उन्होंने खड़ा किया था , संसार के एक सबसे कठोर , सबसे अमानवीय समाज का आधार बना लिया था । अब बीसवीं सदी के अन्तिम दशक में , और एक आदमी के रूप में मेरे स्वयं के 8 वें दशक में वह ढाँचा हमेशा के लिए बदल गया है और उसका स्थान एक ऐसे ढाँचे ने ले लिया है , जो सभी लोगों को बिना उनकी चमड़ी के रंग के भेदभाव के समान रूप से अधिकार एवं स्वतंत्रता को पहचानता है ।

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That day …….. had wrought.

मेरे हजारों लोगों के अकल्पित बलिदानों के बाद यह दिन आया था । वह लोग जिनकी हिम्मत और कष्टों को कभी भी गिना या चुकाया नहीं जा सकता । मुझे उस दिन ऐसा लगा जैसे आगे भी बहुत सारे दिन लगे थे , मानो मैं उन सभी अफ्रीकी देशभक्तों का , जो कि मेरे सामने शहीद हुए जोड़ दूं । वह लंबी और पवित्र रेखा समाप्त हुई और अब मेरे साथ फिर से प्रारंभ हो गई । मुझे दुःख था कि मैं उन लोगों धन्यवाद नहीं दे सका और कि वे लोग यह नहीं देख पाए कि उनके बलिदानों ने क्या प्राप्त किया ।

The policy of …….. diamonds.

रंगभेद की नीति ने मेरे देश और मेरे लोगों पर एक गहरा और कभी न भूलने वाला घाव छोड़ा है । सदियाँ नहीं तो काफी वर्ष लगेंगे , इस गहरे और मजबूत घाव को भरने में । लेकिन दशकों के उत्पीड़न और बेरहमीपन ने एक और कभी समाप्त होने वाला असर और उसी के कारण पैदा हुए हमारे समाज के ऑलिवर थाम्बोस , रॉबर्ट सोबुकवेस आदि – ऐसे लोग जिनकी श्रेष्ठ जांबाजी , अकलमंदी और दानवीरता के जैसा फिर कभी कोई नहीं मिलेगा । शायद चरित्र की इतनी ऊँचाई प्राप्त करने के लिए इतने गहरे उत्पीड़न की आवश्यकता है । मेरा देश धरती के अंदर पाए जाने वाले खनिजों और बहुमूल्य पत्थरों से भरपूर है , लेकिन मैंने हमेशा माना है कि इसकी सबसे बड़ी सम्पदा इसके लोग हैं जो कि सबसे शुद्ध हीरे से भी अधिक शुद्ध और सच्चे हैं ।

It is from ……… extinguished.

संघर्ष के दौरान इन्हीं साथियों से मैंने साहस का अर्थ सीखा । समय – समय पर , मैंने पुरुषों और स्त्रियों को एक सिद्धान्त के लिए खतरा मोल लेते हुए अपने जीवन की कुर्बानियाँ देते हुए देखा है । मैंने पुरुषों को हमले एवं यातनाओं को बिना झुके हुए , ताकत और दृढ़ता का प्रदर्शन करते हुए देखा है , जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती । मैंने सीखा कि साहस निडरता का न होना नहीं है , बल्कि डर पर विजय प्राप्त करना है । वह व्यक्ति बहादुर नहीं होता जो डरता नहीं , बल्कि वह तो उस भय पर विजय प्राप्त करता है । कोई भी व्यक्ति जन्म से दूसरे व्यक्ति से उसकी चमड़ी के रंग , अथवा उसकी पृष्ठभूमि अथवा उसके धर्म के कारण घृणा नहीं करता । लोगों को घृणा करने के लिए घृणा की शिक्षा दी जाती है , यदि वे घृणा करना सीख सकते हैं तो उन्हें प्यार करना भी सिखाया जा सकता है , क्योंकि मानव हृदय में घृणा के बजाय प्यार की भावना ज्यादा स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होती है । जेल के दौरान गम्भीरतम समय में भी , जब मेरे साथियों और मुझे असहनीय यातनाएँ दी गई थी , मैं एक सन्तरी में मानवता की झलक देखा करता था , शायद एक सैकिण्ड के लिए लेकिन यह मुझे आश्वस्त करने और मुझे जारी रखने के लिए पर्याप्त थी । मनुष्य की नेकी ( अच्छाई ) एक लौ है जिसे छुपाया तो जा सकता है लेकिन कभी बुझाया नहीं जा सकता ।

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In life …….. a husband.

जीवन में , प्रत्येक मनुष्य की दो जिम्मेदारियाँ होती हैं- एक जिम्मेदारी अपने परिवार , माता – पिता , पत्नी और व्यक्ति अपने झुकाव और योग्यता के आधार पर इन जिम्मेदारियों को पूर्ण करने में समर्थ है । लेकिन दक्षिण अफ्रीका में , यदि कोई मनुष्य बच्चों के प्रति और उसकी दूसरी जिम्मेदारी होती है अपने लोगों , समुदाय और देश के प्रति । एक सभ्य और इंसानी समाज में , प्रत्येक अपने लोगों के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाने की कोशिश भी करता तो उसे जबरदस्ती अपने परिवार और घर से पृथक कर दिया जाता था और एक पृथक जीवन जीने पर मजबूर किया जाता था , एक विद्रोही और रहस्यमयी धीमी रोशनी वाली जिंदगी में । पहले मैंने अपने परिवार को चुना और उनकी सेवा करता रहा फिर मैंने जब अपने लोगों की सेवा शुरू की तो मैंने पाया कि मैं अपने परिवार वालों की – पिता , भाई , पत्नी , बच्चों के प्रति जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पा रहा था ।

I was ……… lawful life.

मैं आजाद होने की चाह के साथ नहीं जन्मा था । मैं आजाद पैदा हुआ था हर तरह से आजाद जो मैं जान सकता था । मेरी माँ की कुटिया के पास दौड़ने के लिए आजाद , मेरे गाँव से होकर गुजरने वाली नदी के पानी में तैरने के लिए आजाद , तारों के नीचे मेरा भोजन पकाने और धीमें चलने वाले बैलों की चौड़ी पीठ पर सवारी करने के लिए आजाद था । जब तक मैंने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया और अपने कबीले के रिवाजों को माना , मैं आदमी या भगवान के नियमों द्वारा परेशान नहीं था । मैंने यह जाना कि मेरे लड़कपन की आजादी एक छलावा ( भ्रम ) थी , तब एक नवयुवक के रूप में मुझे पता चला कि मेरी आजादी पहले से ही मुझसे छीनी जा चुकी थी और मैं इसके लिए तड़फड़ाने लगा था । शुरू में एक विद्यार्थी के रूप में मैं केवल स्वयं के लिए आजादी चाहता था , रात को बाहर रहने की क्षणिक आजादी , अपनी इच्छानुसार पढ़ने की आजादी , इच्छा के अनुसार कहीं भी जाने की आजादी । बाद में जोहन्सबर्ग में एक जवान व्यक्ति के रूप में मैं अपने अन्दर की शक्ति को प्राप्त करने , स्वयं की कमाई कमाने , विवाह करने और एक परिवार रखने की आधारभूत तथा सम्मानजनक आजादी के लिए तड़पता था वह आजादी जो नियमानुसार जीवन में कभी बाधा न बने ।

But then ………. on me.

लेकिन तब धीमे – धीमे मैंने जाना कि न केवल मैं ही स्वतंत्र नहीं था बल्कि मेरे भाई और बहनें भी स्वतंत्र नहीं थे मैंने देखा कि यह केवल मेरी ही स्वतंत्रता का हनन नहीं था बल्कि वो हर कोई जो मेरे जैसा दिखाई देता था उसकी भी आजादी का हनन हो रहा था । जब मैंने अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस में पदार्पण किया , तब मेरी अपनी स्वतंत्रता की भूख बढ़कर अपने लोगों की स्वतंत्रता की भूख में बदल गई । इस चाहत ने जिससे मैं अपने लोगों को पूरे सम्मान के साथ जीने की स्वतंत्रता चाहता था , मेरी जिंदगी बदल दी । उसने एक डरे हुए और डरपोक नवयुवक को बदलकर एक ताकतवर इंसान बना दिया , जिसने एक कानून मानने वाले प्रतिनिधि को एक मुजरिम बना दिया , जिसने एक परिवार को प्यार करने वाले पति को एक बेघर इंसान बना दिया , जिसने जिंदगी से प्यार करने वाले मनुष्य को एक संयासी बनने पर मजबूर कर दिया । मैं और किसी दूसरे मनुष्य से ज्यादा गुणी या आत्मत्याग करने वाला नहीं था , लेकिन मैंने पाया कि जितनी कम और सीमित स्वतंत्रता मुझे मिली हुई थी उसे भी मैं खुशी से भोग नहीं पा रहा था क्योंकि मैंने पाया कि मेरे लोग स्वतंत्र नहीं थे । स्वतंत्रता अविभाजीय है ; मेरे लोगों में से किसी एक पर भी बेड़ियाँ उन सब पर बेड़ियों के समान थीं । और उन सब लोगों पर बेड़ियाँ मेरे ऊपर बेड़ियों के समान थी ।

I knew …….. humanity.

मैं जानता था कि दबाने वाले को भी उतनी ही स्वतंत्रता चाहिए जितने ही दबने वाले को । मनुष्य जो दूसरे मनुष्य की स्वतंत्रता छीनता है , वह घृणा का कैदी है वह अनचाही घृणा और संकुचित विचारों की सलाखों के पीछे बंद रहता है । मैं , यदि किसी दूसरे की आज़ादी छीन रहा हूँ तो हकीकत में मैं स्वतंत्र नहीं हूँ । जैसे कि वास्तव में , मैं स्वतंत्र नहीं हूँ यदि मेरी स्वतंत्रता किसी ने छीन रखी हो । दबने वाला और दबाने वाला दोनों ही एक समान हैं जिनकी इंसानियत लुट चुकी है ।

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